प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनावी हुंकार भरेंगे चंद्रशेखर आज़ाद रावण, कांग्रेस दे सकती है समर्थन

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Chandra Shekhar azad ravan

भारत एकता मिशन भीम आर्मी के संस्थापक व अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद रावण 2019 लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने वाले है। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद बिगड़ी तबीयत के चलते मेरठ के आनंद अस्पताल में भर्ती चंद्रशेखर ने मीडिया के सामने यह स्पष्ट दावा किया कि यदि प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ते है तो वे मोदी को चुनौती देंगे।

चंद्रशेखर से मिलने पहुंची प्रियंका गांधी:

चंद्रशेखर रावण को जहां अभी तक देश के किसी बड़े राजनेता या पार्टी ने महत्व नहीं दिया है तो वहीं कांग्रेस महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी बुधवार को सीधे दिल्ली से व ज्योतिरादित्य सिंधिया लखनऊ से उनसे मिलने के लिए मेरठ के आनंद अस्पताल पहुंचे। चंद्रशेखर के अनुसार प्रियंका ने उनसे भाई कहकर स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके संघर्ष की प्रशंसा की। मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि ”यह सरकार अहंकारी बन गई है, जो आज चंद्रशेखर जैसे नौजवानों को कुचलना चाहती है। सरकार रोजगार तो दे नहीं पाई, ऐसे में आज जब युवा सवाल उठा रहे हैं तो उन्हें कुचला जा रहा है।” इसके बाद जब मीडिया ने सवाल पूंछा कि क्या कांग्रेस पार्टी चंद्रशेखर को नगीना लोकसभा से चुनाव लड़ाएगी, तो प्रियंका ने राजनीतिक टिप्पणी करने से मना कर दिया।

चंद्रशेखर का कहना है कि वे समर्थन नहीं मांगेंगे, विपक्ष उन्हें समर्थन देगा:

वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने का दावा करने वाले चंद्रशेखर का कहना है कि ”वे नरेंद्र मोदी को इस बार जीतने नहीं देंगे। वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने और मोदी को हराने के लिए किसी से समर्थन भी नहीं मांगेंगे। जिसे मोदी को हराना है, वह खुद उन्हें समर्थन देंगे।” हालांकि इससे पहले चंद्रशेखर चाह रहे थे कि सपा, बसपा, कांग्रेस और पूरा विपक्ष मिलकर संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर वाराणसी से चंद्रशेखर का नाम आगे करें।

यहां आपको बता दें कि वाराणसी के करीब 15 लाख से अधिक मतदाताओं में तकरीबन 1 लाख मतदाता अनुसूचित जाति से आते हैं। वैसे तो चंद्रशेखर की भीम आर्मी का प्रभुत्व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही माना जाता है, लेकिन चंद्रशेखर के हौंसले और वाराणसी से चुनाव लड़ने के ऐलान को देखकर लगता है कि पूर्वोत्तर में भी भीम आर्मी अपना विस्तार कर रही है। चुनावी नज़दीकी के दौर में चंद्रशेखर रावण से प्रियंका गांधी का मिलना भी इतना सहज नहीं माना जा सकता। यहां कयास लगाए जा रहे हैं कि जिस तरह गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने युवा निर्दलीय नेता जिग्नेश मेवानी को समर्थन दिया था, ठीक उसी तरह कांग्रेस, चंद्रशेखर को वाराणसी से नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ समर्थन दे सकती है।

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