रविवार को भारतीय निर्वाचन आयोग ने शाम पांच बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर, देश की 17वीं लोकसभा के गठन हेतु चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। देश की कुल 543 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव होने की तारीखवार घोषणा के साथ ही अब केंद्र सरकार आचार संहिता के दायरे में आ गई है। मतलब न कोई शिलान्यास कर सकेगी, न किसी योजना की घोषणा, और न ही कोई आदेश पारित। निर्वाचन आयोग ने चुनाव कब, कितने चरणों में, किन राज्यों में, किन सीटों पर, किन दिशानिर्देशों के अनुसार होंगे, यह सारा विवरण प्रस्तुत कर दिया है। प्रत्येक पांच वर्ष बाद होने वाले इन आम चुनावों में हर बार चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी व भरोसेमंद बनाने के लिए कुछ नई पहल जोड़ी जाती हैं। तो आइए जानते हैं कि वे कौनसे क़दम हैं जो इस दफ़ा पहली बार ही उठाए जाएंगे।
- यह पहली बार है जब चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत आमजन मोबाइल एप पर भी कर सकेगा।
- मतदान केंद्र पर रखी ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटर मशीन) में सभी उम्मीदवारों के नाम, राजनैतिक दल के नाम, निशान के साथ ही इस बार उम्मीदवार की तस्वीर भी होंगी।
- चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार हर बार की तरह इस बार भी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग प्रतिबंधित होगा।
- चुनाव आयोग की तरफ़ से बताया गया कि 2019 के चुनावों के लिए मतदाताओं की संख्या बढ़कर अब 90 करोड़ हो चुकी है।
- प्रत्येक विधानसभा में एक मतदान केंद्र पूरी तरह से महिला स्टाफ द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
- इस बार किसी उम्मीदवार के सोशल मीडिया पर चुनावी प्रचार का जायज़ा लेने में ट्वीटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी निर्वाचन आयोग की सहायता करेंगे। चुनाव प्रचार पर रोक के लिए लगने वाली आचार संहिता के दायरे में सोशल मीडिया प्रचार भी आएगा।
- चुनाव में दावेदार सभी प्रत्याशियों को अपने सोशल मीडिया अकाउंटस का विवरण (उसमे दिनभर होने वाली पोस्ट्स, उनका लिंक, यूज़रनेम आदि) निर्वाचन आयोग को जमा करवाना होगा।
- सभी राजनैतिक दलों को अपने दागी उम्मीदवारों के पूर्व अपराध की पूरी जानकारी राष्ट्रीय मीडिया में प्रकाशित करवाना ज़रूरी होगा।
- सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा व सभी ईवीएम को जीपीएस की सहायता से ट्रैक किया जाएगा।