जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहादत प्राप्त करने वाले देश के 40 से अधिक जवानों में से 5 सपूत राजस्थान की धरा के भी हैं। आतंकियों की इस कायराना हरकत में प्रदेश के राजसमंद ज़िले से बिनोल निवासी हैड कांस्टेबल श्री नारायण लाल गुर्जर, सुन्दरवाली (भरतपुर) निवासी कांस्टेबल श्री जीतराम, जैतपुर (धौलपुर) निवासी कांस्टेबल श्री भागीरथ कसाना, विनोद कलां (कोटा) निवासी कांस्टेबल श्री हेमराज मीणा एवं जयपुर की शाहपुरा तहसील के गोबिन्दपुरा गांव के कांस्टेबल श्री रोहिताश लाम्बा ने भी अपनी जान गवाई हैं। राजस्थान सरकार ने प्रदेश के इन बहादुर जवानों की शहादत पर इनके आश्रित परिवार को दी जाने वाली सहायता राशि के सम्बन्ध में आज शनिवार को स्पष्टीकरण दिया।
50 लाख रूपए तक की सहायता दी जाएगी शहीद के परिवार को:
देशहित को सर्वोपरि रखकर मर-मिटने वाले इन जांबाजों की कुर्बानी का कोई मोल नहीं है, लेकिन दुःख की पराकाष्टा से जूझते परिवारजनों को सरकार की तरफ से दी जाने वाली मदद आश्रितों को आर्थिक संबल तो देती ही है।
ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार पुलवामा आतंकी हमले में जान गवाने वाले राजस्थान के पांच शहीदों को 50 लाख रूपए तक की नकद सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। इस हेतु राज्य सरकार ने शहीदों के परिजनों को देय सहायता एवं सुविधा पैकेज में संशोधन किया है। युद्ध या अन्य सैन्य ऑपरेशनों में शहीद सैनिक अथवा अर्द्धसैनिक बलों के कार्मिक के परिवार को दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाने का दावा राज्य सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री गहलोत के अनुसार अब शहीद का परिवार या तो राज्य सरकार द्वारा देय कुल 50 लाख रुपये नकद प्राप्त कर सकता है, अथवा 25 लाख रुपये नकद के साथ इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 25 बीघा भूमि या 25 लाख रुपये नकद के साथ राजस्थान आवासन मण्डल के एक आवास का विकल्प चयन कर प्राप्त कर सकता है।
एक आश्रित को सरकारी नौकरी, बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति व अन्य सहायता भी दी जाएगी:
यहां आपको बता दें कि अब तक राज्य सरकार द्वारा शहीद जवान के परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी, बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति तथा माता-पिता को 3 लाख रुपये की सावधि जमा मदद की जाती थी। पूर्व की भांति यह सुचारु रहेगा।
इसी के साथ शहीद के परिवार के सदस्य को कृषि भूमि पर ‘आउट ऑफ टर्न’ आधार पर विद्युत कनेक्शन, शहीद की पत्नी, बच्चों और शहीद के माता-पिता को राजस्थान रोड़वेज की डीलक्स एवं साधारण बसों में निःशुल्क यात्रा के लिए पास सुविधा सरकार की तरफ से दिया जाएगा। साथ ही एक विद्यालय, अस्पताल अथवा किसी अन्य सार्वजनिक स्थान का नामकरण शहीद के नाम पर किया जाएगा।
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