आर्थिक आरक्षण और न्यूनतम आमदनी की घोषणा, क्योंकि देश में जनादेश की धुरी आज भी गरीब के हाथों पर टिकी है

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image: TheAsianAge

महीनेभर पहले आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्ग के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान कर, मोदी सरकार ने 2019 से पहले अपना मास्टरस्ट्रोक खेल दिया था। न चाहते हुए भी सदन में विपक्ष को इस पर स्वीकृति देनी पड़ी थी। इसके बाद यह माना जा रहा था कि अब 2019 के लिए देश के सवर्ण, सामान्य, मध्यम वर्ग का वोटबैंक भाजपा ने हथिया लिया है। ऐसे में महंगाई, जैसे अनेकों मुद्दों के आधार पर मोदी सरकार को घेरने वाला विपक्ष बेअसर लगने लगा था। इसी बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आर्थिक असमानता से झूल रहे देश में गरीबी की नब्ज़ समझते हुए वह दाव खेल दिया है, जो फिर से कांग्रेस पार्टी को गति दे सकता है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी अटलनगर में जनसभा को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनाव में सत्ता में वापसी के बाद देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति के लिए न्यूनतम आमदनी निर्धारित करने की घोषणा की है।

कांग्रेस पार्टी ने बताया ऐतिहासिक:

देश के प्रत्येक व्यक्ति तक न्यूनतम आमदनी सुनिश्चित करने वाली घोषणा को कांग्रेस पार्टी ने एक ऐतिहासिक निर्णय बताया है। कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि- ”कांग्रेस पार्टी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है कि 2019 चुनाव जीतने के एकदम बाद कांग्रेस पार्टी गारंटी करके न्यूनतम आमदनी देने जा रही है।”

देश की सरकार अपने नागरिकों के लिए न्यूनतम आमदनी सुनिश्चित करें, यह वाम वैचारिक अवधारणा है। हालांकि खुद राहुल गांधी का दावा है कि ऐसा पहले किसी सरकार ने नहीं किया। अनारक्षित वर्ग को भी कमज़ोर आर्थिक आधार पर आरक्षण और मोदी सरकार की अनेकों योजनाएं गरीब वर्ग को ध्यान में रखकर लाई गई है। इसी के साथ देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को न्यूनतम मज़दूरी की गारंटी देना सीधे तौर पर कमज़ोर वर्ग को सम्बल देने वाला क़दम होगा।

ऐसे में अब यह देखना रोचक होगा कि क्या आर्थिक आरक्षण पर मोदी मैजिक से प्रभावित हुए जनमत की दिशा को न्यूनतम आमदनी की गारंटी का वचन देकर राहुल गांधी, कांग्रेस की तरफ़ मोड़ पाने में सक्षम होते है या नहीं। 2019 के चुनाव द्वारा सत्ता किसी भी दल को मिले, पर जनता का आर्थिक सशक्तिकरण किए बगैर चुनावी गाड़ी में जीत की चाभी भर पाना नामुमकिन है, राजशाही और राजनीति इस बात को अच्छे से समझ गई है, जनतंत्र को इस बात की ख़ुशी मनानी चाहिए।

पुनश्चः-अब हिंदुस्तान में ना कोई भूखा रहेगा ना गरीब रहेगा, अब दो हिंदुस्तान नहीं रहेंगे सिर्फ एक हिंदुस्तान होगा। राहुल गांधी के इस कथन ने तमाम प्रसंगिकताओं के बीच एक खुशनुमा तरंग तो छेड़ ही दी है।

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