लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के चुनाव में उपयोग की जाने वाली ईवीएम के हैकिंग के दावों को भारत के निर्वाचन आयोग ने खारिज कर दिया है। आयोग के अनुसार यह दुर्भावना से प्रेरित गलत बयानी है, तथा आयोग अनुभवजन्य तथ्यों के आधार पर भारत में चुनावों में प्रयुक्त ईवीएम की पूर्ण विश्वसनीय प्रकृति के प्रति पूरी तरह दृढ़ है। कांग्रेस नेताओं ने जहां इस विषय को ज़ोर-शोर से उठाया तो वहीं भाजपा नेताओं ने इसे पूरी तरह से प्रायोजित हथकंडा बताया है। इसी बीच बसपा और सपा प्रमुख ने विषय को गंभीर एवं संदेहास्पद बताते हुए 2019 का आगामी चुनाव बैलट पेपर से करवाने की मांग कर डाली।
कानूनी कार्यवाही कर सकता है चुनाव आयोग:
निर्वाचन आयोग ने कहा कि ”भारत के लोकसभा व विधानसभा चुनावों में उपयोग की जाने वाली ईवीएम का निर्माण कड़ी जांच और सुरक्षा स्थितियों के तहत भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) द्वारा किया जाता है। साल 2010 से ही विख्यात तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में सभी चरणों में सख्त मानक परिचालन प्रक्रियाओं का अनुसरण किया जाता है। ऐसे में किसी तरह की गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि मामले में क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है और क्या की जानी चाहिए।”
भाजपा ने बताया कांग्रेस का प्रोपगैंडा:
भाजपा की तरफ़ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘लन्दन में आयोजित कुए कार्यक्रम में कपिल सिब्बल क्या कर रहे थे? क्या कारण था कि वे वहां पर मौजूद थे? मैं कह सकता हूं कि वह कार्यक्रम कांग्रेस पार्टी की तरफ़ से प्रायोजित था, जिसने 2014 के जनादेश का अपमान किया।‘
मायावती ने कहा, 2019 का चुनाव ईवीएम से नहीं बैलेट पेपर से होना चाहिए:
ईवीएम हैकिंग के दावे के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ”लोगों का लोकतंत्र में विश्वास बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम ईवीएम के विषय पर ध्यान दें। इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए। बैलट पेपर की सत्यता जांची जा सकती है, लेकिन ईवीएम की नहीं। हम निर्वाचन आयोग से मांग करते है कि 2019 का आम चुनाव बैलट पेपर का उपयोग कर कराए जाए।”
इसी के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ”यदि किसी ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है तो यह विचारणीय विषय है कि क्या कारण रहा होगा कि जापान जैसे कई विकसित राष्ट्रों ने ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर दिया है। यह किसी राजनैतिक पार्टी का सवाल नहीं है, यह सवाल है लोकतंत्र पर विश्वास का। चुनाव आयोग और सरकार को निर्णय लेना चाहिए।”
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