खतरे में महागठबंधन, कांग्रेस को किनारे कर, उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने बांटी 38-38 सीटें

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2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोध में एकजुट होने जा रहे महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी ने आम चुनाव के मद्देनज़र गठबंधन कर लिया है। कांग्रेस को किनारे करते हुए सूबे की 80 लोकसभा सीटों में सपा और बसपा ने 38-38 सीटें आपस में बांट ली है। 2 सीटें अन्य दल के लिए तथा जैसा कि पूर्वानुमानित था, अमेठी और रायबरेली की 2 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई है। सपा और बसपा के इस बंटवारे के बाद अब इतना तो स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस राज्य में अकेले दम पर चुनाव लड़ने जा रही है। देश के सबसे बड़े राज्य में असफल रहे महागठबंधन का प्रभाव अन्य राज्यों पर किस कदर रहता है, यह देखना अब रोचक होगा।

कांग्रेस से अलग चल रहे थे सपा-बसपा, पहले से ही थे आसार:

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस वक़्त भाजपा विरोध की राजनीति में सबसे प्रबल नज़र आ रहे अखिलेश यादव और मायावती पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी से दूरी बनाकर चल रहे थे। राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश राज्यों में भी कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में दोनों नेता नज़र नहीं आए। इसके अलावा भी विपक्ष के साझा शक्ति प्रदर्शन के कई मौकों पर दोनों नदारद ही रहे।

राहुल भी कह चुके हैं कि यूपी में कांग्रेस को कम आंकना भूल हो सकती है:

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हाल ही के दिनों में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक न्यूज़ इंटरव्यू में कहा था कि ”उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सभी को चौंकाते हुए बेहतर प्रदर्शन करेगी। यूपी में कांग्रेस को कम आंकना भूल हो सकती है।”

राहुल के इस बयान के मायने यह बताते हैं कि उन्हें पहले ही मालूम था कि सपा-बसपा की भागीदारी में कांग्रेस को दरकिनार किया जा सकता है। ऐसे में आसार है कि कांग्रेस अब सूबे की छोटी व क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनावी मैदान में भाजपा के साथ ही सपा व बसपा को भी टक्कर देगी।

अखिलेश ने कहा अगला प्रधानमन्त्री यूपी से ही होगा:

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से पूंछा गया कि क्या 2019 में प्रधानमन्त्री पद के लिए आप मायावती का समर्थन करेंगे, तो इस पर अखिलेश ने टालमटोल करते हुए कहा कि ”आप जानते हैं कि, मैं किसका समर्थन करूंगा।” माना जा रहा है कि यहां सीधे तौर पर किसी का नाम लेकर अखिलेश 2019 के लिए साझा विपक्ष में पल रही महत्वाकांक्षा को कमज़ोर नहीं करना चाहते।

इसी के साथ अखिलेश ने यह दावा किया कि देश का अगला प्रधानमन्त्री उत्तर प्रदेश से ही होगा। हालांकि अब यहां देखा जाए तो मायावती के बाद राहुल गांधी जहां यूपी की अमेठी सीट से चुनकर आते है, तो नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी से सांसद है। ऐसे में इस बयान का खासा महत्व नज़र नहीं आता।

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