अक्सर ऐसा होता है जब वाहन चालाक को यातायात पुलिस का सामना करना पड़ता है। उस समय यातायात पुलिस चालाक से ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी आदि अनेकों तरह के कागज़ी पत्रक दिखाने के लिए कहती है। ऐसे समय में कई बार चालाक के पास उसके सभी डाक्यूमेंट्स उसके पास उपस्थित नहीं हो पाते और उस स्थिति में चालाक को बेवज़ह परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अब इस परेशानी से पूरी तरह निजात मिल गया है। जी हाँ, भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 की धारा 139 में संशोधन करते हुए ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), परमिट, फिटनेस सर्टिफिकेट आदि सभी डाक्यूमेंट्स की ई-कॉपी को पूरी तरह से मान्य कर दिया है। अब यदि वाहन चालक के पास भौतिक अथवा कागज़ी रूप में उसका ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी या कोई अन्य डाक्यूमेंट्स न हो तो यातायात पुलिस को उनकी ई-कॉपी दिखा सकते हैं। यह ई-कॉपी पूरी तरह मान्य होगी।
सरकार की तरफ से डिजिलॉकर की है सुविधा:
उल्लेखनीय है कि जनसामान्य को अपने डॉक्युमेंट्स सुरक्षित रखने के लिए भारत सरकार डिजिलॉकर की सुविधा देती है। डिजिलॉकर भारत सरकार का अधिकृत ई-लॉकर है। इसमें व्यक्ति अपने अकादमिक प्रमाण पत्र, अपना पहचान पत्र व कोई भी ज़रूरी डॉक्युमेंट्स की फोटो लेकर अथवा उसे स्कैन कर सहेज सकता है। भविष्य में किसी डॉक्यूमेंट के खो जाने पर अथवा समय पर उपलब्ध नहीं होने की दशा में इस पोर्टल की सहायता से उस डॉक्यूमेंट की ई-कॉपी प्राप्त की जा सकती है।
साल 2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिलॉकर पोर्टल का उद्देश्य भारत को डिजिटलाइजेशन की ओर ले जाना है। वर्तमान में डिजिलॉकर का जिम्मा सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन है।