आधुनिकता और तरक्की की ओर बढ़ते दौर के साथ भारतीय निर्वाचन प्रणाली में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का उपयोग आज सहज हो चुका है। पहले जहां देश की चुनाव प्रक्रिया में बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाता था, साल 2009 के बाद से वह स्थान ईवीएम ने ले लिया है। गौरतलब है कि ईवीएम मतदान करने और उसे रिकॉर्ड करने का एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है, जिस पर प्रत्येक उम्मीदवार के नाम और उसके चुनाव चिन्ह के सामने वाले नीले बटन को दबाकर मतदान किया जाता है।
कब से हो रहा है उपयोग:
ईवीएम का उपयोग पहली बार साल 1982 में केरल विधानसभा के उप चुनाव में उत्तरी पारावुर विधानसभा क्षेत्र में सीमित मतदान केंद्रों पर किया गया था। इसके बाद साल 1998-1999 के दौरान मध्य प्रदेश की 5, राजस्थान की 5 और दिल्ली की 6 विधानसभा सीटों पर ईवीएम का उपयोग प्रायोगिक रूप से किया गया। इसी के साथ गोवा विधानसभा के चुनाव भी ईवीएम द्वारा करवाए गए। बाद में वर्ष 2009 से देश के विधानसभा और लोकसभा चुनाव ईवीएम द्वारा संचालित करवाना अनिवार्य कर दिया गया।
दो तरह की होती है और दो भाग होते हैं एक ईवीएम में:
ईवीएम दो प्रकार की होती है M-2 जिसका निर्माण 2006 से 2010 के मध्य में किया गया था, इसके अलावा M-3 जिसका निर्माण वर्ष 2013 के बाद से किया गया है। बैट्री द्वारा संचालित की जाने वाली प्रत्येक ईवीएम की दो इकाई (यूनिट) होती है- एक कंट्रोल यूनिट (नियंत्रण इकाई) और दूसरी बैलटिंग यूनिट। दोनों यूनिट आपस में एक पांच मीटर लम्बे तार से जुडी होती हैं। मतदान केंद्र में कंट्रोल यूनिट चुनाव अधिकारी (प्रेसिडिंग ऑफिसर) के पास और बैलटिंग यूनिट मतदान भाग या कक्ष में रखी होती है। बैलटिंग यूनिट ही वह भाग होता है जिसमें मतदाता बटन दबाकर अपना मत रिकॉर्ड करता है। एक बैलटिंग यूनिट में अधिकतम 16 उम्मीदवारों की सूची दर्ज़ होती है।
कहां होती है तैयार, कितनी होती है कीमत:
ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) कहां निर्मित होती है, कौन इन मशीनों का निर्माण करता है तथा इसकी क्या लागत होती है? ऐसे अनेकों सवाल है जो अक्सर मतदाताओं के मन में चलते रहते हैं। भारत में आयोजित होने वाले चुनावों में काम आने वाली सभी ईवीएम भारत में ही निर्मित की जाती है।
ईवीएम का उत्पादन भारतीय निर्वाचन आयोग के तत्वाधान में दो सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड का मुख्यालय बैंगलुरु में और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड का मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है। एक M-2 ईवीएम की कीमत 8670 रुपए और M-3 की कीमत 17000 रुपए होती है।