चुनावी मौसम में सियासत की रपटीली ज़मीन पर बड़े-बड़े राजनेताओं की लड़खड़ाती कदमताल के साथ अक्सर उनकी जुबां भी फिसल जाती है। कुछ यहीं हुआ राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र के दिग्गज राजनीतिज्ञ सीपी जोशी के साथ। नाथद्वारा में भाषण देते वक़्त जोशी जातिगत टीका-टिप्पणी कर बैठे। इस दौरान जोशी ने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत कई नेताओं की जात-पात पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। आखिर मामले ने तूल पकड़ा और भाजपा चारों ओर से घेरते हुए जोशी पर हमलावर हो गई। बाद में राहुल गांधी ने जोशी को अपने बयान पर खेद प्रकट करने के लिए कहा तो अनुपालना करते हुए जोशी ने अपने बयान पर माफ़ी मांग ही ली।
तो यह कहा था जोशी ने:
अपने सियासी गढ़ नाथद्वारा में बोलते हुए जोशी ने कहा कि ”भाजपा कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी कहती है। ये लोग कौन है, किसी को धार्मिक सर्टिफिकेट देने वाले? नरेंद्र मोदी, उमा भारती और साध्वी ऋतम्भरा की जाति क्या है! किसी को पता है! जाति-धर्म के बारे में बोलने का अधिकार सिर्फ ब्राम्हण को ही है।”
राहुल ने ट्वीट कर माफ़ी माँगने को कहा:
सी पी जोशी का जातिगत बयान जब वायरल हुआ तो कांग्रेस पार्टी और जोशी की मानसिकता पर सवाल उठने लगे। भाजपा प्रवक्ता, नेता व केंद्रीय मंत्रियों सहित कार्यकर्तागण #ShameCongressShame हैशटैग के साथ जोशी और कांग्रेस की घेराबंदी में उतर आए। मामले को हद से ज़्यादा बढ़ता देख पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जोशी को अपने बयान पर खेद व्यक्त करने की सलाह ट्विटर के ज़रिए दे डाली। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया- ”सी पी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है। पार्टी के नेता ऐसा कोई बयान न दें जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दुःख पहुँचे। कांग्रेस के सिद्धांतों, कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हुए जोशीजी को जरूर गलती का अहसास होगा। उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए।”
और जोशी ने मांग ली माफ़ी:
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट करने के बाद अपनी गलत बयानबाजी से पीछे हटते हुए जोशी नरम पड़ गए। आधा घंटे बाद ही जोशी ने ट्वीट कर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि- ”कांग्रेस के सिद्धांतो एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुँची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूँ।”