विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के 10 दिनों के अंदर क़र्ज़ माफ़ी करने की जो बात कही थी, वह 3 दिनों में ही बहुत हद तक सच साबित हो चुकी है। जी हां मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी प्रदेश के किसानों की क़र्ज़ माफ़ी कर दी है। बुधवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्जमाफी की घोषणा करते हुए बताया कि सरकार ने 30 नवम्बर 2018 तक प्रदेश के ऋणी किसानों का 18 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण माफ़ कर दिया है। इसके अंतर्गत सहकारी बैंक के कर्ज़दार किसानों के लघु अवधि के फसली ऋण की पूरी माफ़ी की गई है तथा अन्य बैंकों के डिफॉल्टर किसानों का अधिकतम 2 लाख रुपए तक का ब्याज अथवा अतिभार माफ़ किया गया है। सार यह है कि कर्जमाफी के इस आदेश के तहत प्रदेश के 28 लाख किसानों का पूरा ऋण माफ़ हो जाएगा।
शर्तों के साथ हुई क़र्ज़ माफ़ी, यदि आप किसान है तो जानिए कि आपका ऋण माफ़ हुआ या नहीं:
राजस्थान सरकार ने चुनाव पूर्व जारी किए गए घोषणा पत्र में अपने वादे के अनुसार कुछ शर्तों के साथ किसानों का ऋण माफ़ कर दिया है। यदि आप किसान है तो आपको यह जानने की ज़रुरत है कि क्या आपका क़र्ज़ माफ़ हुआ है या नहीं। इसे ऐसे समझिए।
सरकार ने प्रदेश के सहकारी बैंकों के उन सभी कर्ज़दार किसानों का ऋण माफ़ कर दिया है, जिन्होनें 30 नवम्बर 2018 तक अल्पकालिक अवधि के लिए फसली ऋण लिया था। यहां अल्पकालिक अथवा लघु अवधि का फसली ऋण वह शर्त है, जिसके तहत क़र्ज़ माफ़ी की गई है। बताया जा रहा है, कि प्रदेश में ऐसे करीब 28 लाख किसान हैं, जिनका इस श्रेणी के तहत पूरा ऋण माफ़ कर दिया गया है।
ऋण माफ़ी की दूसरी श्रेणी में प्रदेश के वे किसान सम्मिलित हैं जिन्होनें किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, अनुसूचित बैंक अथवा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से लघु अवधि का फसली ऋण लिया हो, तथा उस ऋण को चुका पाने की असमर्थता के चलते बैंक द्वारा डिफॉल्टर घोषित हो चुके हो। ऐसे सभी किसानों द्वारा लिए गए ऋण की मूल राशि तो माफ़ नहीं की गई है, बल्कि उस ऋण राशि पर भारित 2 लाख रुपए तक का ब्याज अथवा अतिभार माफ़ कर दिया गया है। इस स्थिति में मूल राशि तो अदा करनी ही होगी। गौरतलब है कि प्रदेश में 27 लाख किसान अन्य बैंकों के कर्ज़दार हैं, इनमें से 11 लाख डिफ़ॉल्टर हैं। ऐसे किसानों का अतिभार माफ़ कर दिया गया है।
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