राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने को है। ऐसे में सभी चुनावी उम्मीदवार और पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर चुकी हैं। इस चुनाव में कुल 2294 प्रत्याशी प्रदेश की 200 विधानसभा से दावेदारी कर रहे हैं। इस तरह औसतन प्रत्येक सीट पर 12 प्रत्याशी चुनावी कदमताल कर रहे हैं।
19 नवम्बर जहां चुनावी पर्चा भरने की अंतिम तारीख थी वहीं 22 नवम्बर तक नाम वापस लिए जा सकते थे। नाम वापसी के बाद मैदान में डटे हुए सभी प्रत्याशी जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत करने में लगे हैं। अब देखना यह है कि जनमत किसके पक्ष में जाएगा!
आप, बसपा और वामपंथी भी है चुनावी रण में:
भाजपा और कांग्रेस के अलावा भी कई राष्ट्रीय दल की मान्यता प्राप्त राजनैतिक पार्टियां प्रदेश विधानसभा में दावेदारी कर रहे हैं। इनमें आम आदमी पार्टी 143, बसपा 191, सीपीएम 28 एवं सीपीआई 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।
कांग्रेस नहीं लड़ रही सभी सीटों पर चुनाव:
सत्ताधारी दल भाजपा जहां प्रदेश की सभी 200 विधानसभा पर चुनाव लड़ रही है, वहीं कमाल की बात यह कि राजस्थान विधानसभा के इन चुनावों में मज़बूत नज़र आ रही कांग्रेस पार्टी प्रदेश की सभी 200 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रही है। प्रदेश की पांच सीट ऐसी हैं जहां से कांग्रेस ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारकर अन्य दलों के साथ गठबंधन किया है।
इनमें मुंडावर और कुशलगढ़ से लोकतांत्रिक जनता दल, बाली से एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) तथा भरतपुर व मालपुरा विधानसभा से राष्ट्रीय लोकदल के साथ मिलकर कांग्रेस ने चुनाव लड़ने का फैंसला किया है।
भारत वाहिनी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी पहली बार मैदान में:
इस बार राजस्थान के विधानसभा चुनाव में सबसे ख़ास बात तीसरे मोर्चे का प्रदर्शन रहने वाला है, जिस पर सभी की नज़र होगी। हनुमान बेनीवाल की अगुआई में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल और घनश्याम तिवाड़ी के नेतृत्व में भारत वाहिनी पार्टी प्रदेश में पहली बार ज़रूर, लेकिन पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है। इस चुनाव में भारत वाहिनी ने जहां 63 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं वहीं बेनीवाल के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल ने 58 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।